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सूर्य को जल चढ़ाने की विधि और लाभ

हम लोग अपने जीवन में ,रोज ही किसी ना किसी परेशानी से जूझते हैं ।और उसे सुलझाकर आगे बढ़ते रहते हैं ।परंतु कभी कभी कुछ परेशानियां ऐसी होती हैं जो हमें बहुत बड़ी लगती हैं ।और हम उसी परेशानी में खुद उलझ कर रह जाते हैं ।सारा दिन हम उसी के बारे में सोचते रहते हैं सारा दिन हमारा उसी की उधेड़बुन में निकलता है ।जिससे हम मानसिक स्तर पर कमजोर होने लगते हैं हमारी सेहत खराब होती है ।और हमारा काम भी ठीक नहीं रहता ।और चीजें जो ठीक चल रही थी जीवन में हम उसे भी खराब कर लेते हैं तो जरूरी है किसी भी परेशानी से जल्दी से जल्दी खुद को बाहर करना ।चाहे वह छोटी हो या बड़ी हो । मैं आप लोगों को एक बहुत आसान सा उपाय बताऊंगी ,जिससे आप अपनी परेशानी से बाहर भी आ जाएंगे ।और उम्मीद है कि आपको उसका कोई हल भी मिल जाएगा ।आप अपनी बात जिस पर भी आप सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं उसको बताइए ।आप अपनी परेशानी उसको बताइए ।अगर आप किसी को नहीं बताना चाहते हैं तो आप पौधों को बताइए ,पेड़ को बताइए ।उनसे बहुत सकारात्मक ऊर्जा निकलती हैं ,वहां से आपको बहुत सहारा मिलेगा ।जब आप अपनी बात किसी को बताएंगे तो आपको अपने आप ही उसका हल भी मिल जाएगा ।आप खुद ही हल के बारे में भी बोल देंगे ।और फिर आप खुद ही सोचेंगे कि यह तो मैंने खुद ही बताया है फिर यह मैं पहले क्यों नहीं सोच सका ।और हो सकता है कि सामने वाला ही आपको कोई अच्छी सलाह दे दे ।

ऐसा क्यों होता है ,क्योंकि जब हम किसी को अपनी बात बताते हैं तो शुरू से लेकर अंत तक बताते हैं ,कड़ी से कड़ी जोड़ते हैं ।और उसके बाद ,विस्तार से बताने के बाद हम अपनी परेशानी को सही तरीके से समझ पाते हैं ।और उसका समाधान भी निकाल लेते हैं ।क्योंकि जब कोई बात पूरी रखी जाती है ,या कही जाती है तो समझ में आ जाता है ,कि गलती कहां हुई हमसे ।या परिस्थितियां कहां हम पर हावी हुई ।जब हम जड़ तक पहुंचते हैं तो समाधान निकलने की स्थिति ही बनती है ।हम अपने मन में तो यूं ही सोचते हैं ,क्रम में नहीं सोचते एक साथ नहीं सोचते ।अगर हम कोशिश भी कर लें खुद को बताने की हम तो भी एक क्रम में नहीं बता पाएंगे ।हमें दूसरा चाहिए ,वह जो हमें सकारात्मकता दे ,सहारा दे ।अपने आप को परेशानियों में नहीं उलझाइए ।अपने आप को परेशानियों से बाहर लाइए ।अगर आपको कोई हल ना भी मिला तो भी आपके अंदर जो इतना सारा लावा था वह बाहर आ जाएगा ।और आप हल्का महसूस करोगे ।वह जो मानसिक पीड़ा आपको हो रही थी वह नहीं होगी ।शारीरिक परेशानी भी नहीं होगी ।और आपका काम भी नहीं बिगड़ेगा ।वह नकारात्मकता जो आपके अंदर आपको परेशान कर रही थी वह बाहर आ जाएगी ।और आप बहुत रिलैक्स फील करेंगे ।अपने आपको रिलैक्स और खुश रखना बहुत जरूरी है ।परेशानियों का बोझ ,कामों का बोझ ,अपने व्यक्तित्व पर नजर ना आने दे ।जिम्मेदारी तो निभाएं पर उससे दबें नहीं ।परेशानियों से भी दबे नहीं ।आप लोग खुश रहें ,रिलैक्स रहे ,और सुचारु रुप से अपने काम करते रहें ।यही मैं चाहती हूं ।इसके लिए मैं आपको आगे भी टिप्स देती रहूंगी ।और आपका मार्गदर्शन करती रहूंगी ।आज के लिए इतना ही डॉक्टर रमा ।

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