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राशि रत्नों को पहनने का वैज्ञानिक कारण

आज मैं आप लोगों को बहुत ही महत्वपूर्ण विषय ,जो कि हमारे जीवन से जुड़ा हुआ है ,ज्योतिष में पहनने वाले राशि रत्न उनके बारे में बताऊंगी ।कि उनको क्यों पहना जाता है ? क्या सच में वह सब करते हैं हमारे शरीर पर ? ज्योतिषीय कारण क्या है ?और वैज्ञानिक कारण क्या है ? वह भी बताउँगी मैं ।जो भी बातें करूंगी ,तार्किक करूंगी ,अंधविश्वासों की बातें नहीं करती मैं ।जो लोग ज्योतिष के बारे में और रत्नों के बारे में जानकारी नहीं रखते वह लोग नागों को पहनने को बेकार समझते है ।इसे एक अंधविश्वास समझते हैं ।परंतु ऐसा कुछ भी नहीं है ।ना कोई अंधविश्वास है और ना यह झूठ है ।हमारे ज्योतिष में जो भी चीजें हैं ,और उससे जुड़ी भी जो भी बातें हैं सब में तर्क है ।क्योंकि ज्योतिष एक विज्ञान है और हम लोग ऐसी बातें ही करते हैं जो कि विज्ञान की कसौटी पर खरी उतरे और तार्किक हों हम हवा में बातें नहीं करते ।जब आप लोग भी वैज्ञानिक दृष्टि से इन चीजों को समझेंगे तो आप ,इनको अपने जीवन में सही तरीके से अपनाएंगे ।और मैं वहीं कोशिश कर रही हूं कि आप राशि रत्नों का क्या वैज्ञानिक कारण है वह भी समझें और यह भी समझें कि वह हमारे शरीर पर असर करते हैं या नहीं ।राशि रत्नों के लिए ,बताने के लिए सबसे पहले तो मैं रसायन शास्त्र की बात करूंगी। हम सब लोगों ने स्कूल में रसायन शास्त्र ,केमिस्ट्री पढ़ी है ।नौवीं दसवीं तक सभी को पढ़नी पड़ती है ।और उसके लिए प्रयोगशाला भी जाते हैं ।वहां पर हम देखते हैं कि अलग-अलग रसायन है जिनको हम मिलाते हैं तो कोई नया रसायन बनता है ।जितनी भी चीजें हैंसभी की अपनी-अपनी रसायनिक कॉन्बिनेशन होती है ।जैसे कि पानी की एच टू ओ है।

इसी तरीके से हवा की भी अपनी कॉम्बीनेशन है ।हम सब लोग आजकल बहुत देखते हैं TV में कि हवा की कॉम्बीनेशन आजकल बिगड़ गई है ।इसका लेवल कितना होना चाहिए और बढ़कर इतना हो गया है ,जो हमारे लिए नुकसानदेह है ।जैसे हर चीज की अपनी एक रासायनिक संरचना है ,वैसे ही हमारे भी शरीर की अपनी एक रासायनिक संरचना है ।हम सब को भी एक अलग अलग केमिकल कॉमिबीनेशन मिली हुई है ।वही हमें देखना है कि हमें कौन सी मिली है ।और हम उसे कैसे बैलेंस करके रखें !आप सब लोग जानते हैं कि कुंडली में 12 भाव होते हैं ,12 राशियां और नौ ग्रह ।जो लगन का भाव होता है पहला भाव , जहाँ से कुंडली शुरू होती है ,उसमें कोई भी राशि आ सकती है ।हमारी कुंडली का पहला भाव हमारा शरीर होता है ,वह हमारा व्यक्तित्व होता है ,हम कैसे हैं !हमारा शरीर कैसा है !हम किस तरीके से सोचते हैं !और हम परिस्थितियों पर किस तरीके से प्रतिक्रिया करते हैं !हम पर किस किस चीज का प्रभाव है !किस चीज का प्रभाव हम पर नहीं है !यह भी बताता है ।पहले भाव में जो भी राशि होती है वह बताती है कि हमें किस तरीके की केमिकल कॉम्बीनेशन मिली है ।हम किस तरीके की रासायनिक संरचना से बने हैं ।और हमारी इस रासायनिक संरचना में कहां और क्या असंतुलन आ रहा है जिसकी वजह से परेशानी आ रही है ,हमारे शरीर में और हमारे जीवन में ।जैसे आप लोग रोज सुनते हैं टेलीविजन में कि हवा का कैमीकल कॉम्बीनेशन बिगड़ गया है ।जिसकी वजह से जहरीले तत्व आ गए हैं हवा में ।हमें भी यही देखना है कि हमारे शरीर में कॉम्बीनेशन बिगड़ तो नहीं गया कहीं ।हमें पता चलता है कुंडली के लगन से कि हम किस रासायनिक संरचना को बिलॉन्ग करते हैं ।उसके बाद हम यह देखते हैं कि हमारी रासायनिक संरचना में कोई असंतुलन तो नहीं है ।कौन सा रसायन ज्यादा हो रहा है और कौन सा कम हो रहा है।

जैसे हम सूर्य के लिए ज्योतिष में माणिक पहनते हैं ,जो हम ज्योतिष में रासायनिक तत्व सूर्य से लेते हैं वह मानिक में होता है ।अगर हमारे शरीर में उस तत्व की कमी हो रही होती है तो हम जातक को माणिक पहना देते हैं ताकि आपके जीवन में जो असंतुलन है वह संतुलन में बदल जाए ।और उसकी भी अपनी एक निश्चित मात्रा होती है कि कितना माणिक पहनना है ।संतुलन करना है ,उसका हिसाब भी देखना होता है ।तो अब आप लोगों ने समझा होगा कि इसके पीछे क्या तर्क है और क्या विज्ञान हैं ।यह जो नग हैं हमारे शरीर की रासायनिक संरचना को संतुलित करते हैं ,अगर हमारे अंदर असंतुलन होता है तब । अगर किसी ग्रह का रसायन हमें परेशान कर रहा होता है तो हम उसके लिए पूजा-पाठ और दान करते हैं ताकि उसका जो खराब प्रभाव है ,वह हम पर ना पड़े ।ज्योतिष में हर उपाय का कोई ना कोई तार्किक कारण है ।आप लोग जब ज्योतिष को समझेंगे ,तो उन बातों को भी समझेंगे ।हमारे जीवन में हमेशा परेशानियां असंतुलन से आती हैं ।यही शरीर को और जीवन को बिगाड़ती हैं ।तो कुंडली में भी हम यही देखते हैं कि हमारी रासायनिक संरचना में कहां असंतुलन है ।यह असंतुलन हमारे शरीर ,मन और जीवन सभी को प्रभावित कर देता है ।लेकिन यह देखना बहुत जरूरी है कि आप लोग जिस से भी राशि रत्न ले रहे हैं वह ठीक है या नहीं है ।क्योंकि अगर आप सही रत्न नहीं धारण करेंगे ,तो उसका लाभ भी नहीं ले पाएंगे ।उम्मीद करती हूं कि आज आपको राशि रत्नों को पहनने का वैज्ञानिक कारण मिल गया होगा ।और कोई संशय हो तो आप लोग मेरा नंबर है उसमें मुझे कॉल करके बात भी कर सकते हैं आज इतना ही बताऊंगी कल किसी नई जानकारी के साथ आती हूं ।

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